Kaise Khush Rahe

 इस पोस्ट मे जीवन मे खुश (Kaise Khush Rahe) कैसे रहे, ऐसा क्या करे की हमेसा शांतिपूर्वक सुखी जीवन व्यतित करे, How to Be Happy in Hindi इन सभी के बारे मे विस्तार से जानते है, जिसकी मदद आपको भी अपने जीवन मे खुश रहने मे सहायता मिलेगी।



आज के समय मे लोगो के पास खूब पैसा है, इज्जत है, शोहरत है, हर ख्वाइस पूरी करने का सामर्थ्य भी है, लेकिन क्या पता है, वे अंदर यानि दिल और दिमाग यानि मानसिक रूप से खुश नहीं है, ऐसा क्यू, सबकुछ होते हुए भी आखिर लोग खुश क्यो नही है, तो इसका सबसे बड़ा कारण आज की जीवन शैली है, तो चलिये जीवन मे (Khush Kaise Rahe), खुश रहने के राज के बारे मे जानते है।


सबसे पहले आप सोचिए की आपके लिए खुश रहने के मतलब से क्या है, आखिर आप ऐसा क्या चाहते है, जिसे पाकर आप खुश हो सकते है, तो विस्तार से सोचेगे तो पाएगे की जब आप छोटे थे, तो सोचते थे की काश हम भी बड़े होते तो हमारे पास सबकुछ होता, जब मन करे की काही घूम सकते है, कुछ भी खर्च कर सकते है, लेकिन यही सोचने के चक्कर मे आप उस बचपन मे जो चल रहा था, उन मिली चीजों के साथ खुश नही रह पाये,


अब थोड़े बड़े हुए तो लगा चलो खूब मन से पढ़ाई करेगे, खूब अच्छे अंक लाएगे, तो खूब नाम होगा, लेकिन यही सब सोचने के कारण सिर्फ सोचते रह गए, और पढ़ाई लिखाई मे जितना मन लगाना था, उतना समय नही दे पाये, और फिर यहा भी एक तरह से खुद को फिसड्डी समझने लगे, बस इन्ही सब चीजों मे उलझ कर रह गए और पढ़ाई के दिनो मे खुद को खुश नही रह पाये,


अब और थोड़े बड़े हुए नौकरी, बिजनेस मे व्यस्त हुए और शादी भी हो गयी, तो दिन रात मेहनत करने लगे, फिर जब काम से थककर शाम को घर वापस लौटे तो फिर यही सोचने लगे, की बचपन के क्या वो दिन थे, जहा कोई टेंशन नही था, जब मन करे खा लिया, जब मन करे सो लिया, जब मन किया घूम लिया, खेल लिया, मस्ती कर ली, पढ़ाई कर लिया, मतलब अपने तरीके से ज़िंदगी जी लिया वही दिन अच्छे थे,

अब जरा सोचिए जब बचपन था, तब बड़े होना चाहते थे, अब जब बड़े है, तो अब बचपन अच्छा लगने लगा, यानि खुद को किसी भी स्थिति मे आप खुद से खुश नही रखना चाहते है, जो नही है, या जो बीत गया, उसी को पाने के बारे मे सोचकर खुद को दुखी करते रहते है, बस यही आपके खुश नही रहने का सबसे बड़ा कारण है, यानि जो मिला है, जो चल रहा है, उस समय के साथ रहना सीख लिया तो आप सबसे सुखी इंसान है।

तो चलिये खुद को खुश रखने के लिए क्या क्या करना चाहिए, ऐसा क्या करे की हमेसा खुश रहे, इन बातों को जानते है।

वैसे तो खुश रहने का कोई पैमाना नही होता है, ये खुद से तय करना होता है, की आप खुश है, क्यूकी भौतिक चीजे हमे सुविधा तो देती है, लेकिन मानसिक शांति नहीं दे सकती है, ये खुद के दिमाग से उत्पन्न होता है, तो चलिये How to Be Happy in Life, Happy Secret Life, Khush Kaise Rahe के बारे मे जानते है।

खुद का दूसरों से तुलना करना बंद करे

खुश न रहने का सबसे बड़ा ये कारण है की लोग अपनी तुलना दूसरों से करते है, अगर किसी के दूसरों के सुख सुविधा को देखते है, तो सोचने लगते की काश मेरे पास भी होता, उसके लिए मेहनत करना होता है,

तभी वे सभी चीजे आपके पास भी हो जाएगी, सो जो आपके पास है, सोचिए वैसा किसी के पास नही है, फिर देखिये खुद को आप सबसे अलग और खुद मे स्पेशल मानेगे, फिर ऐसा सोचने से खुद को खुश रख सकते है।

बुरे समय से सीख ले

हर किसी के जीवन मे अच्छे और बुरे दोनों दिन आते है, ये प्रकृति का नियम है, हर अंधेरे के बाद उजाला आता ही है, सो अगर आपका समय सही नहीं चल रहा है, तो उसके बारे मे बार बार सोचने से अच्छा है, उस बुरे दिन से आपने अच्छाई क्या सीखा, ऐसा प्रेरणा ले सकते है, फिर आगे के लिये खुद को इसको अच्छे दिनो मे उससे आगे बढ़ सकते है,

इसलिए हमे बुरे दिनो से सीख लेते रहना चाहिए, खुद को ऐसा सोचना चाहिए की ये बुरे दिन आपके लिए एक नए अवसर लाने वाली है, बस ऐसे सकरात्मक विचार के साथ जीवन मे हमेसा आगे बढ़ते रहना चाहिए।

खुश रहने के तरीके 

खुद को आत्मनिर्भर बनाये

ये जीवन आपका है, आपको इसे अपने तरीके से जीना है, जिसके लिए आपको जी-तोड़ मेहनत भी करना होगा, तो हर छोटी छोटी चीजों के लिए दूसरों पर निर्भर होने के बजाय खुद से आत्मनिर्भर बने,

ऐसा सोचिए की आपको अपनी सारी सुख सुविधा और अपने खर्च के पैसे खुद से कमाने होंगे, दूसरों से नहीं मागना है, बस अपनी चीजों के लिए खुद पर निर्भर करते है, तो अपनी खुशियो के साथ समझौता नही करना पड़ेगा,

और अपनी चीजों को पूरा करने के लिये दूसरों पर निर्भर रहते है, तो हो सकता है, आपका काम समय पर पूरा हो ही न, जिससे मन ही मन दुखी भी रहने लगते है, तो ऐसा करने से अच्छा है, खुद को अपने कार्यो के लिए अपने पर निर्भर रहे, ताकि खुद को आत्मनिर्भर बना सकते है, और खुद को खुश रख सकते है।


दूसरों की उम्मीद पर खुद को न रखे

कई बार ऐसा होता है, की हम अपनी कार्यकुशलता या किसी भी क्षेत्र मे अक्सर दूसरों के भरोसे बैठ जाते है, उससे बार बार सिफ़ारिश की आस मे लगे रहते है हो सकता है की वह व्यक्ति आपका हमेसा तो मदद नहीं कर पाये,

इसलिए दूसरों से उम्मीद ज्यादा न लगाए, आप जिस भी क्षेत्र मे कार्यरत है, उसमे खुद को खुद के लिए इतना कार्य कुशल बनाए की लोग आपको पूछे, आपके बिना उनको अधूरा लगे, फिर आपको दूसरों की उम्मीद पर नही रहना पड़ेगा, फिर ऐसे आप खुद को खुश रह सकते है।

खुद को हमेसा विशेष बनाए

आज के समय मे अक्सर देखा जाता है, लोग जो वर्तमान मे होते है, अपनी उस स्थिति से खुश नहीं रह पाते है, और हमेसा दूसरों के शानो शौकत को देखकर दुखी रहने लगते है, इसलिए ऐसा सोचना एकदम बेकार है,

अब आप ये सोचिए की आप जो भी कुछ भी है, उसमे आप खुद के लिए Special है, खुद को हमेसा ऊंची नजरों से देखिये की आप अपने आपमे खास है, फिर देखिये आपके जैसे ही सोचने का नजरिया बदलेगा, आपके विचार बदल जाएगे, फिर आपको खुश होने से कोई नहीं रोक सकता है।

खुश रहने की अच्छी आदते

अपना मनपसंद कैरियर खुद से बनाए

आप अपने जीवन मे क्या बनना चाहते है, ये आपको खुद से निर्णय लेना पड़ता है, यदि आपको क्या बनना है, अपने जीवन मे क्या बनकर करना है, यदि ये निर्णय खुद से लेते है, तो निश्चित ही आप अपने मनपसंद का अपने मनचाहे क्षेत्र मे अपना कैरियर बना सकते है,

हो सकता है की आपकी सोच बड़ा करने का है, अक्सर बड़े सोच वाले लोग ही बड़ा करते है, और बड़ा बनने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत की भी जरूरत पड़ेगी, लोग रोकेगे भी की ये क्या कर रहा है, लेकिन आपको अपने क्षेत्र का बॉस खुद को बनाना है।

फिर देखिये आप अपने मनचाहे कैरियर मे जाते है, तो निश्चित ही वहा पर आपका काम करने मे खूब मन लगेगा, जिससे आप खुद को खुश रख पाते है।

खुद से निर्णय लेना सीखे

अक्सर देखा जाता है की लोग अपने जीवन के निर्णयो को खुद से नहीं ले पाते है, वे अपने निर्णय लेने के लिए भी दूसरों पर निर्भर होते है, और ये जीवन आपका है, आपको अपने निर्णय खुद लेने पड़ते है,

इसलिए कोई भी निर्णय लेने के लिए खुद पर निर्भर बने, और हा यदि आप अपना निर्णय खुद से नहीं ले पा रहे है, तो निर्णय लेने से पहले लोगो के साथ सलाह, मशवरा जरूर ले सकते है, लेकिन फ़ाइनल निर्णय खुद के सोच विचार के बाद से ही ले, क्यूकी हो सकता है, की दूसरों पर निर्भर होकर कोई निर्णय लेते है, और वो आपके लिए गलत साबित हो जाए तो आपको सिर्फ और सिर्फ पछतावा ही रह जाता है, इसलिए अपना निर्णय खुद से लेना सीखे, अगर आप ऐसा करते है, तो जीवन मे हमेसा खुश रहते है।

खुद को मजबूत बनाए

यहा खुद से मजबूत बनाने का मतलब होता है, की आप अपने मानसिक स्थिति से खुद को मजबूत बनाए, कई बार ऐसा होता है, की अपने जीवन मे हम जैसा सोचते है, ठीक वैसा तो होता नहीं है, या कभी कभी वे चीजे हमारे सोच के ठीक विपरीत होता है,

तो ऐसे स्थिति मे कभी कभी खुद को कमजोर पाते है या अंदर ही अंदर मानसिक रूप से टूटने लगते है, जो की अपने आप के लिए ठीक नही है, तो ऐसा खुद को टूटने से बचने के लिए पहले अपने सोच मे परिवर्तन लाइये की जो कुछ भी हो रहा है, वह आपके वश मे नहीं है, और उसके लिए आप जिम्मेदार नही है, और जो भी होगा अच्छे के लिए ही हो रहा है, बस यही सोच मे परिवर्तन लाना है,

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