Biography of Nick Vujicic in Hindi Jivani

जन्म 1982 को मेलबोर्न, ऑस्ट्रेलिया में हुआ, उनका जन्म ही बिना हाथ और पैरो के हुआ था.कई डॉक्टर उनके इस विकार को सुधारने में असफल हुए. और आज भी निक अपना जीवन बिना हाथ और पैरो के ही जी रहे है. हाथ-पैरो के बिना प्रारंभिक जीवन बिताना उनके लिये काफी मुश्किल था. बचपन से ही उन्हें काफी शारीरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था. लेकिन उन्होंने कभी अपने इस विकार से हार नही मानी, और हमेशा वे औरो की तरह ज़िन्दगी को जीने की कोशिश करते रहे.



निक को हमेशा आश्चर्य होता था की वे दुसरो से अलग क्यू है. वे बार-बार अपने जीवन के मकसद को लेकर प्रश्न पूछा करते थे और उनका कोई उद्देश्य है या नही ये प्रश्न भी अक्सर उन्हें परेशान करता था.

निक के अनुसार, आज उनकी ताकत और उनकी उपलब्धियों का पूरा श्रेय भगवान पर बने उनके अटूट विश्वास को ही जाता है. उन्होंने कहा है अपने अब तक के जीवन में जिनसे भी मिले फिर चाहे वह दोस्त हो, रिश्तेदार हो या सहकर्मी हो, उन सभी ने उन्हें काफी प्रेरित किया.

19 साल की आयु में अपने पहले भाषण से लेकर अब तक निक पुरे विश्व की यात्रा कर रहे है और अपनी प्रेरणादायी घटनाओ से लोगो को प्रेरित कर रहे है. विश्व भर में आज निक के करोडो अनुयायी है, जो उन्हें देखकर प्रेरित होते है. आज युवावस्था में भी उन्होंने बहोत से पुरस्कार हासिल किये है. आज वे एक लेखक, संगीतकार, कलाकार है और साथ ही उनको फिशिंग, पेंटिंग और स्विमिंग में भी काफी रूचि है.

आत्मनिर्भर बनने की जिद्द

निक के माता-पिता उसे हर तरह से आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे। छोटी उम्र से ही निक के माता-पिता उसे पानी के तैरना सिखाने लगे। छह साल की उम्र में उसे पंजे की सहायता से टाइप करना सिखाने लगे। विशेषज्ञों की मदद से उन्होंने निक के लिए प्लास्टिक का ऐसा डिवाइस बनवाया जिनकी सहायता से निक ने पैंसिल  पैन पकड़ना  लिखना सीखा।

निक के माता-पिता ने निक को स्पेशल स्कूल में भेजने से मना कर दिया। वो चाहते थे कि निक सामान्य स्कूल में सामान्य बच्चों के साथ ही पढ़े। इसमें बहुत सी मुश्किलें आईं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। सामान्य बच्चों के साथ पढ़ने-लिखने और काम करने का ये लाभ हुआ कि निक उन्हीं की तरह काम करने लगे

बदली जीवन की दिशा

जब निक तेरह साल के थे तो एक दिन उनकी माँ ने अख़बार में प्रकाशित एक लेख निक को पढ़कर सुनाया जिसमें एक विकलांग व्यक्ति के संघर्ष और सफलता की कहानी थी। निक को अहसास हुआ कि दुनिया में वो अकेला विकलांग नहीं है और परिश्रम  संघर्ष द्वारा आगे बढ़ा जा सकता है। उसके बाद उसके जीवन की दिशा ही बदल गई। उसे महसूस हुआ कि ईश्वर ने उसे कुछ अलग करने के लिए ही ऐसी स्थिति में डाला है। उसे तो स्वयं प्रेरणा  प्रोत्साहन की ज़रूरत थी लेकिन उसने संकल्प लिया कि वो स्वयं लोगों को प्रेरणा  प्रोत्साहन प्रदान करेगा जिससे लोगों में व्याप्त निराशा  अकर्मण्यता दूर हो सके और वे उत्साहपूर्वक कार्य करते हुए अच्छी तरह से जीवन व्यतीत कर सकें।।

करियर

 उन्होंने Queensland में 'Griffith University' से Bachelor's Degree in accounting and financial planning में उपाधि हासिल की
जब
 निक 17 साल के हुएउसने अपने चर्च समूह में भाषण देना शुरू किया।एक वक्ता के रूप मेंवह मुख्य रूप से स्कूल के बच्चे,युवा वयस्कों और कामकाजी पेशेवरों को संबोधित करते है।उन्होंने दुनियाभर के विविध चर्चो में संबोधित किया,क्योंकि उनका मानना है कि ईसा मसीह उससे प्यार करते है। 2008 में निक ने अमेरिका के एक TV Show 20/20 के लिए Interview दिया। 2009 में निक 'The butterfly circus' इस Short film में काम किया।इस film को कई Award मिले।2010 में निक ने "Life without limits: Inspiration for a ridiculously good life" नाम की किताब लिखी। अब तक वे 7 किताब लिख चुके है।

निक ने किया आत्महत्या का प्रयास

मित्रोंपरेशानियाँ तो एक अच्छे-ख़ासे स्वस्थ व्यक्ति को तोड़कर रख देती हैं। निक को पढ़ाईखेल-कूद  अपना रोज़मर्रा का काम करने में बड़ी परेशानी होती थी। स्कूल में बच्चे भी उसका मज़ाक़ उड़ाते थे। इन सब चीज़ों से मायूस  दुखी होकर दस वर्ष की उम्र में एक बार निक ने पानी के टब में डूबकर आत्महत्या तक करने की कोशिश की लेकिन उसके माता-पिता के प्यार और प्रोत्साहन ने उसे आगे बढ़ने का हौसला प्रदान किया।

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